आज अचानक से ये आँखे उस समय नम हो गयी,
जब उस मासूम के हाथों में रहम की भीख का कटोरा देखा,
चेहरे पर उसकी मासूमियत की छवि, आँ
खों में दर्द का एहसास, एक सिकन सी नजर आ रही थी उसके सर पर, बचपन को भूलकर वो
दर दर ठोकर खा रहा था इस पेट की आग बुझाने को,
ये कैसी बेरूखी है इस गरीबी की...
आखिर क्या कसूर है उस मासूम का....?
जो कोई एक अनाज का टुकड़ा रखने को तैयार न था उसके कटोरे में..... मर चुके हैं
लोगों के जज्बात कहीं, द
फन हो गयी है इंसानियत कही........
©Shivkumar
#wholegrain #brockenheart #Pain #Dard
आज #अचानक से ये #आँखें उस समय नम हो गयी,
जब उस मासूम के हाथों में रहम की भीख का कटोरा देखा,
चेहरे पर उसकी #मासूमियत की छवि, आँ
खों में दर्द का #एहसास एक सिकन सी नजर आ रही थी उसके सर पर, बचपन को भूलकर वो