"बुला सकता हूँ मगर ,,,
बुला नहीं पा रहा ,
भुला सकता हूँ मगर ,,,
भुला नहीं पा रहा ,
आ सकता हूँ बाहर ,,,
उसकी यादों के आग़ोश से मगर ,,,
आ नहीं पा रहा ,
जा सकता हूँ नजदीक ,,,
किसी और के भी मगर ,,,
जा नहीं पा रहा ।।
✍ जगतार ,,,"
बुला सकता हूँ मगर ,,,
बुला नहीं पा रहा ,
भुला सकता हूँ मगर ,,,
भुला नहीं पा रहा ,
आ सकता हूँ बाहर ,,,
उसकी यादों के आग़ोश से मगर ,,,
आ नहीं पा रहा ,
जा सकता हूँ नजदीक ,,,
किसी और के भी मगर ,,,
जा नहीं पा रहा ।।
✍ जगतार ,,,