हैं उपकार तेरे जग पर अनेक, तू जननी, तू बुध्दि विव | English Poetry

"हैं उपकार तेरे जग पर अनेक, तू जननी, तू बुध्दि विवेक, बिन तेरे न भूतो न भवति, बिन तेरे ये सृष्टि न सजती । नारी का रिश्ता, तुला हर कसौटी कभी सास बहु, वो माँ बहन बेटी, न कमजोर है, न तू अबला है नारी, हर रिश्ते मे तूने बाजी है मारी। नारी है जननी, मारक है नारी। ©Senty Poet"

 हैं उपकार तेरे जग पर अनेक,
 तू जननी, तू बुध्दि विवेक, 
बिन तेरे न भूतो न भवति, 
 बिन तेरे ये सृष्टि न सजती । 

नारी का रिश्ता, तुला हर कसौटी
कभी सास बहु, वो माँ बहन बेटी,
न कमजोर है, न तू अबला है नारी, 
हर रिश्ते मे तूने बाजी है मारी।

नारी है जननी, मारक है नारी।

©Senty Poet

हैं उपकार तेरे जग पर अनेक, तू जननी, तू बुध्दि विवेक, बिन तेरे न भूतो न भवति, बिन तेरे ये सृष्टि न सजती । नारी का रिश्ता, तुला हर कसौटी कभी सास बहु, वो माँ बहन बेटी, न कमजोर है, न तू अबला है नारी, हर रिश्ते मे तूने बाजी है मारी। नारी है जननी, मारक है नारी। ©Senty Poet

#womeninternational #Dosti
#Wo #like4like #Instagram

People who shared love close

More like this

Trending Topic