वो नज़रें झुकाकर अपनी, सुबह को शाम करती है......... | हिंदी Shayari

"वो नज़रें झुकाकर अपनी, सुबह को शाम करती है........... वो भरी महफ़िल में अक्सर, हमको बदनाम करती है........... नशीली निगाहों से हमको, वो अक्सर जाम पिलाती है....... कुछ इस तरह से हमको, वो अब बदनाम करती है.......... ©Poet Maddy"

 वो नज़रें झुकाकर अपनी,
सुबह को शाम करती है...........
वो भरी महफ़िल में अक्सर,
हमको बदनाम करती है...........
नशीली निगाहों से हमको,
वो अक्सर जाम पिलाती है.......
कुछ इस तरह से हमको,
वो अब बदनाम करती है..........

©Poet Maddy

वो नज़रें झुकाकर अपनी, सुबह को शाम करती है........... वो भरी महफ़िल में अक्सर, हमको बदनाम करती है........... नशीली निगाहों से हमको, वो अक्सर जाम पिलाती है....... कुछ इस तरह से हमको, वो अब बदनाम करती है.......... ©Poet Maddy

वो नज़रें झुकाकर अपनी,
सुबह को शाम करती है...........
#Eyes#Morning#evening#GATHERING#defame#Intoxicating#liquor........

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