"White मैंने गंगा को देखा
एक लंबे सफ़र के बाद
जब मेरी आँखें
कुछ भी देखने को तरस रही थीं
जब मेरे पास कोई काम नहीं था
मैंने गंगा को देखा
प्रचंड लू के थपेड़ों के बाद
जब एक शाम
मुझे साहस और ताज़गी की
बेहद ज़रूरत थी
मैंने गंगा को देखा
एक रोहू मछली थी
डब-डब आँख में
जहाँ जीने की अपार तरलता
©@BeingAdilKhan"