मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नज़रों को जो | हिंदी Shayari

"मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया, और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू, जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया -"

 मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया,
नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया,
और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू,
जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया -

मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया, और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू, जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया -

#IshqMohbbat

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