"प्यार की पतंग में मोहब्बत की डोर दिल
से बांध रखी है,
आंखों की तिरछी नजरों से कोई काट न
दे इक्श का धागा हैं!
प्यार की पतंग कहीं दूर न हो जाए उम्मीद
की सांसों से बांध रखा है,,
प्यार तो एक पतंग है कभी नीचे तो कभी
ऊपर कटने का डर बना रहता हैं!!
डीयर आर एस आज़ाद...
©Ramkishor Azad
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