ऋषि पुलस्त्य के ज्येष्ठ पुत्र वेदवेत्ता लंकापति रा
"ऋषि पुलस्त्य के ज्येष्ठ पुत्र वेदवेत्ता लंकापति रावण ने यदि अपने
शत्रु पर दया न दिखाई होती
तो वह अपराजेय हीं रहतें
रावण के जीवन से हमें यह शिक्षा
अवश्य लेनी चाहिए कि शत्रु को कमजोर समझकर कभी क्षमा नहीं करना चाहिए"
ऋषि पुलस्त्य के ज्येष्ठ पुत्र वेदवेत्ता लंकापति रावण ने यदि अपने
शत्रु पर दया न दिखाई होती
तो वह अपराजेय हीं रहतें
रावण के जीवन से हमें यह शिक्षा
अवश्य लेनी चाहिए कि शत्रु को कमजोर समझकर कभी क्षमा नहीं करना चाहिए