उनकी ख़ुशबू ही कुछ ऐसी थी
उनके दीवाने हम हो गए थे
भूलकर सारी बातें
उनके पीछे हो चले थे
उनको भी कुछ समझ ना आया
हम क्यों हो रहे हैं उनके दीवाने
हमको तो लग रहा था
सदियों से है उनका हमारा ये रिश्ता
बातें पुरानी याद करने की कोशिश
मैं करता रहा पर कुछ भी
याद मुझको ना आया
न जाने क्या राज़ था
क्यों मैं उनका दीवाना हो रहा
©Prabhat Kumar
#प्रभात