सोचता हूँ एक शमशान बना लुँ दिल के अंदर....... मर | हिंदी शायरी

"सोचता हूँ एक शमशान बना लुँ दिल के अंदर....... मरती है रोज ख्वाईशें एक एक करके।"

 सोचता हूँ
एक शमशान बना लुँ 
दिल के अंदर....... 
मरती है रोज ख्वाईशें 
एक एक करके।

सोचता हूँ एक शमशान बना लुँ दिल के अंदर....... मरती है रोज ख्वाईशें एक एक करके।

#SushantSinghRajput #shayri मañjü pãwãr मुसाफिर... Niku Singh Maltey😎

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