एक स्त्री कितनी कोमल होती है दिल से जब उसे कहते है | हिंदी Poetry

"एक स्त्री कितनी कोमल होती है दिल से जब उसे कहते हैं... तुम बहुत खूबसूरत हो ,स्त्री मान गई ,तुम बहुत मासूम हो स्त्री बहल गई, तुम्हारे माथे लाल गोल बिंदी खूब सजती है ,स्त्री ने लगा लिया.... तुम पर साड़ी खूब खिलती है। स्त्री ने पहन लिया। तुम पर अलता पायल बिछुआ खूब सजता है, स्त्री नाच उठी.... घर की लाज तुम्हारे हाथ में है स्त्री जुट गई, तुम घर की धूरी हो स्त्री गढ़ गई, तुम मेरी सब कुछ हो स्त्री समर्पित हो गई ,इससे पता ही नहीं चला कि वह कब सबकी खुशी के लिए बिखर गई... 💯 ©Mau Jha"

 एक स्त्री कितनी कोमल होती है दिल से जब उसे कहते हैं...

तुम बहुत खूबसूरत हो ,स्त्री मान गई ,तुम बहुत मासूम हो स्त्री बहल गई, तुम्हारे माथे लाल गोल बिंदी खूब सजती है ,स्त्री ने लगा लिया....

तुम पर साड़ी खूब खिलती है। स्त्री ने पहन लिया। तुम पर अलता पायल बिछुआ खूब सजता है, स्त्री नाच उठी....
घर की लाज तुम्हारे हाथ में है स्त्री जुट गई, तुम घर की धूरी हो स्त्री गढ़ गई, तुम मेरी सब कुछ हो स्त्री समर्पित हो गई ,इससे पता ही नहीं चला कि वह कब सबकी खुशी के लिए बिखर गई... 💯

©Mau Jha

एक स्त्री कितनी कोमल होती है दिल से जब उसे कहते हैं... तुम बहुत खूबसूरत हो ,स्त्री मान गई ,तुम बहुत मासूम हो स्त्री बहल गई, तुम्हारे माथे लाल गोल बिंदी खूब सजती है ,स्त्री ने लगा लिया.... तुम पर साड़ी खूब खिलती है। स्त्री ने पहन लिया। तुम पर अलता पायल बिछुआ खूब सजता है, स्त्री नाच उठी.... घर की लाज तुम्हारे हाथ में है स्त्री जुट गई, तुम घर की धूरी हो स्त्री गढ़ गई, तुम मेरी सब कुछ हो स्त्री समर्पित हो गई ,इससे पता ही नहीं चला कि वह कब सबकी खुशी के लिए बिखर गई... 💯 ©Mau Jha

स्त्री दिल से कितनी कमजोर होती है😢🤔😔💯💯💯💯

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