सोचने से कहा मिलते हैं , तमन्नाओं के शहर चलने की ज | हिंदी विचार

"सोचने से कहा मिलते हैं , तमन्नाओं के शहर चलने की ज़िद भी जरूरी है , मंजिल के लिए ©Pradeep Mehra"

 सोचने से कहा मिलते हैं , तमन्नाओं के शहर
चलने की ज़िद भी जरूरी है , मंजिल के लिए

©Pradeep Mehra

सोचने से कहा मिलते हैं , तमन्नाओं के शहर चलने की ज़िद भी जरूरी है , मंजिल के लिए ©Pradeep Mehra

#Nojoto
#qoutes
@pradeep_mehra01
#Bicycle

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