शिव अनादि हैं, शिव अनंत हैं। शिव महाकाल, शिव स्वयं | हिंदी कविता

"शिव अनादि हैं, शिव अनंत हैं। शिव महाकाल, शिव स्वयंभू हैं। देवों के देव देवाधिदेव हैं। कैलास पर्वत जिसका बसेरा गले में सर्प, जटाओं में गंगा मस्तक पर चांद, हाथ में डमरू त्रिनेत्रधारी, सामने बैठा नंदी। नीलकंठ, नीलमणि श्मशान की शोभा भांग-धतूरा जो ग्रहण करतें समुद्र मंथन का अमृत छोड़ विषपान करतें। श्रीराम का शिव ध्यान करतें रावण शिव की भक्ति करता। दुनिया करती है जिनका वंदन अटूट है शिव-पार्वती के प्रेम का बंधन। ये दुनिया की अद्भुत प्रेम कहानी है जिसमें महलों की रानी, वैरागी शिव की दीवानी है। ©Daily_Diary"

 शिव अनादि हैं, शिव अनंत हैं।
शिव महाकाल, शिव स्वयंभू हैं।
देवों के देव देवाधिदेव हैं।

कैलास पर्वत जिसका बसेरा
गले में सर्प, जटाओं में गंगा
मस्तक पर चांद, हाथ में डमरू
त्रिनेत्रधारी, सामने बैठा नंदी।

नीलकंठ, नीलमणि श्मशान की शोभा
भांग-धतूरा जो ग्रहण करतें
समुद्र मंथन का अमृत छोड़ विषपान करतें।
श्रीराम का शिव ध्यान करतें
रावण शिव की भक्ति करता।

दुनिया करती है जिनका वंदन
अटूट है शिव-पार्वती के प्रेम का बंधन।
ये दुनिया की अद्भुत प्रेम कहानी है
जिसमें महलों की रानी, वैरागी शिव 
की दीवानी है।

©Daily_Diary

शिव अनादि हैं, शिव अनंत हैं। शिव महाकाल, शिव स्वयंभू हैं। देवों के देव देवाधिदेव हैं। कैलास पर्वत जिसका बसेरा गले में सर्प, जटाओं में गंगा मस्तक पर चांद, हाथ में डमरू त्रिनेत्रधारी, सामने बैठा नंदी। नीलकंठ, नीलमणि श्मशान की शोभा भांग-धतूरा जो ग्रहण करतें समुद्र मंथन का अमृत छोड़ विषपान करतें। श्रीराम का शिव ध्यान करतें रावण शिव की भक्ति करता। दुनिया करती है जिनका वंदन अटूट है शिव-पार्वती के प्रेम का बंधन। ये दुनिया की अद्भुत प्रेम कहानी है जिसमें महलों की रानी, वैरागी शिव की दीवानी है। ©Daily_Diary

#mahashivaratri #blessings #lordshiva #Blessed

People who shared love close

More like this

Trending Topic