तुम अपनी मुस्कराहट को यूँ छिपाया ना करो यूँ धीरे ह | हिंदी Shayari
"तुम अपनी मुस्कराहट को यूँ छिपाया ना करो
यूँ धीरे हँसकर फिर शरमाया ना करो
तुम्हारी मुस्कराहट से ही तो हमारी मोहब्बत है
तुम अपने चेहरे को यूँ दुपट्टे में ना छिपाया करो l"
तुम अपनी मुस्कराहट को यूँ छिपाया ना करो
यूँ धीरे हँसकर फिर शरमाया ना करो
तुम्हारी मुस्कराहट से ही तो हमारी मोहब्बत है
तुम अपने चेहरे को यूँ दुपट्टे में ना छिपाया करो l