Village Life कभी खामोश बैठोगे
घिरी जो चंद दीवारों में
रहेंगे याद ना हम कभी
ना होंगे हम तुम्हारों में
ना होगा वक़्त कभी मेरे खातिर
ना होंगे तेरी महफ़िल के शुमारों में
मै रहूँगा एक गुजरी रात जैसी तेरे लिए
ना जाहिर कर पाओगे कभी उजालों में
©Pandit Brajendra ( MONU )
#villagelife