आँधी हो या तूफान,मेरे हौसलों की इमारत थर्थरा नहीं | हिंदी शायरी

"आँधी हो या तूफान,मेरे हौसलों की इमारत थर्थरा नहीं सकती... लाख मुश्किलें भी मन को डरा नहीं सकती... जब तक मेरे "बाबूजी" मेरे साथ हैं,दुनिया की कोई ताकत मुझको हरा नहीं सकती...!! ©Ashish Mishra"

 आँधी हो या तूफान,मेरे हौसलों की इमारत थर्थरा नहीं सकती...

लाख मुश्किलें भी मन को डरा नहीं सकती...

जब तक मेरे "बाबूजी" मेरे साथ हैं,दुनिया की कोई ताकत मुझको हरा नहीं सकती...!!

©Ashish Mishra

आँधी हो या तूफान,मेरे हौसलों की इमारत थर्थरा नहीं सकती... लाख मुश्किलें भी मन को डरा नहीं सकती... जब तक मेरे "बाबूजी" मेरे साथ हैं,दुनिया की कोई ताकत मुझको हरा नहीं सकती...!! ©Ashish Mishra

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