शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से . कितना भ | हिंदी Shayari

"शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से . कितना भी लिखो कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है."

 शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से .

कितना भी लिखो कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है.

शब्द भी हार जाते हैं कई बार जज्बातों से . कितना भी लिखो कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है.

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