कश्तियों को भी किनारा दे दिया है
देखिए सागर का दिल कितना बड़ा है।
हर लहर की थाप पर संगीत सुनिए
सात सुर लहरों में इसके भी भरा है।
अश्क़ शायद हैं बहाए खूब इसने
हो न हो पानी तभी खारा लगा है।
मथ दिया माखन के जैसे सोचिए तो
पर कहाँ सागर ने किसको उफ़ किया है।
रत्न निकले सब अनिल बाँटे गए फिर
हाल कुछ ऐसा बुजुर्गों का बना है।
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#kinaara