प्रतिपालक सेवक सकल, खलनि दलमलत डाँटि।
शंकर तुम सम साँकरैं, सबल साँकरैं काटि॥
सब सेवकों का पालन करने वाले और दुष्टों का दमन कrने वाले—नष्ट-भ्रष्ट कर देने वाले—हे भगवान् शंकर! आपके समान दु:खों या कष्टों की मज़बूत शृंखलाओं—ज़ंजीरों को काटने वाला भला मेरे लिए और दूसरा कौन है!
©Ramji Mishra
आज सोमवार है शंकर जी बहुत लाभ मिलेगा स्तुति कीजिए...
#kitaab