रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो, तुम अपनी सोच क

"रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो, तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो. खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी, तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो. उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी, उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो. मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें, महक वफा की रखो और बेहिसाब रखो. ©Kritika"

 रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो,
तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो.

खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी,
तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो.

उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी,
उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो.

मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें,
महक वफा की रखो और बेहिसाब रखो.

©Kritika

रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो, तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो. खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी, तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो. उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी, उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो. मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें, महक वफा की रखो और बेहिसाब रखो. ©Kritika

#allalone

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