White आओ करे प्रकृति संरक्षण :- गीत आओ करें प्रकृ | हिंदी कविता

"White आओ करे प्रकृति संरक्षण :- गीत आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार । नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।। आओ करे प्रकृति संरक्षण ... जैसे धरा बनी है जग में , देख अब सृजनहार । जो बीज गिरे उन फसलों से , वह अंकुर हैं बार ।। यह प्रमाण न परिणाम है , सुनो है चमत्कार । आओ धरती माँ से सीखे , करना यह व्यवहार ।। नहीं काटना वृक्षों को अब .. एक-एक पौधे जो रोपे , होंगे लाख हजार । तभी बनेगी सृष्टि हमारी ,  जीवन का आधार ।। इस धरती के संग सभी , पोषित हो इस बार । यही कामना मन में लेकर , दिया वृक्ष उपहार ।। आओ करें प्रकृति संरक्षण .... छोटे बड़े लगाओ पौधे , सबको दो स्थान । दूब धतूरा शरपत कासा , सबका अपना मान ।। सब ही जीवन अंग बने हैं ,मन से कर स्वीकार । प्रभु ने मानव रूप दिया है , करो नही व्यापार । आओ करे प्रकृति संरक्षण .... आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार । नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 White आओ करे प्रकृति संरक्षण :- गीत

आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार ।
नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।।
आओ करे प्रकृति संरक्षण ...

जैसे धरा बनी है जग में , देख अब सृजनहार ।
जो बीज गिरे उन फसलों से , वह अंकुर हैं बार ।।
यह प्रमाण न परिणाम है , सुनो है चमत्कार ।
आओ धरती माँ से सीखे , करना यह व्यवहार ।।
नहीं काटना वृक्षों को अब ..

एक-एक पौधे जो रोपे , होंगे लाख हजार ।
तभी बनेगी सृष्टि हमारी ,  जीवन का आधार ।।
इस धरती के संग सभी , पोषित हो इस बार ।
यही कामना मन में लेकर , दिया वृक्ष उपहार ।।
आओ करें प्रकृति संरक्षण ....

छोटे बड़े लगाओ पौधे , सबको दो स्थान ।
दूब धतूरा शरपत कासा , सबका अपना मान ।।
सब ही जीवन अंग बने हैं ,मन से कर स्वीकार ।
प्रभु ने मानव रूप दिया है , करो नही व्यापार ।
आओ करे प्रकृति संरक्षण ....

आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार ।
नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

White आओ करे प्रकृति संरक्षण :- गीत आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार । नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।। आओ करे प्रकृति संरक्षण ... जैसे धरा बनी है जग में , देख अब सृजनहार । जो बीज गिरे उन फसलों से , वह अंकुर हैं बार ।। यह प्रमाण न परिणाम है , सुनो है चमत्कार । आओ धरती माँ से सीखे , करना यह व्यवहार ।। नहीं काटना वृक्षों को अब .. एक-एक पौधे जो रोपे , होंगे लाख हजार । तभी बनेगी सृष्टि हमारी ,  जीवन का आधार ।। इस धरती के संग सभी , पोषित हो इस बार । यही कामना मन में लेकर , दिया वृक्ष उपहार ।। आओ करें प्रकृति संरक्षण .... छोटे बड़े लगाओ पौधे , सबको दो स्थान । दूब धतूरा शरपत कासा , सबका अपना मान ।। सब ही जीवन अंग बने हैं ,मन से कर स्वीकार । प्रभु ने मानव रूप दिया है , करो नही व्यापार । आओ करे प्रकृति संरक्षण .... आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार । नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आओ करे प्रकृति संरक्षण :- गीत

आओ करें प्रकृति संरक्षण , मन में उठा विचार ।
नहीं काटना वृक्षों को अब , ले करके हथियार ।।
आओ करे प्रकृति संरक्षण ...

जैसे धरा बनी है जग में , देख अब सृजनहार ।
जो बीज गिरे उन फसलों से , वह अंकुर हैं बार ।।

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