White हालात रुला गए जिंदगी के ,
हम मुस्कराना भूल गए ,
दौड़ धूप में हम जो निकले ,
हम सब याराना भूल गए ,
याद बस ख्वाहिशों की रही ,
और ज़िंदगी ख्वाहिशों में
डूबती गई ,दिन निकले उगते
सूरज के साथ,और ख्वाहिशें
वक्त के साथ ,दम तोड़ती रही ,
क्या मिला ?शाम ढले जब
लौट के देखा ,मुट्ठी में चंद
कागज के टुकड़े थे, खुद को
मैने न यूं कभी टूटते देखा
अफसोस करूं मैं किस बात
जिक्र करूं बिगड़ते हालात का
हालात ने बड़ा रुलाया है,
जिंदगी एक सजा है,
ये हालात ने ही समझाया है.
©पथिक..
#SunSet of lyf