White बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली | हिंदी शायरी Video

"White बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे न ही टूट कर रोए, न ही कम ज़रा सोए, न हुई है बातें कम न जनजारते है गम दुःख पुरना साथी है चेहरे पे क्यू लाना है कल भी घर चलना था आज भी घर चलना है बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे अस्क भी तो रहते है बन के बोझ आँखों पर रोज़ टूटे सपनो को फिर से बुनना होता है दिल से आगे जा के पेट चुनना होता है हाथ रख के जेबों पर अस्क भर के आँखों पे बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे By पार्थ ©Puspesh Labh "

White बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे न ही टूट कर रोए, न ही कम ज़रा सोए, न हुई है बातें कम न जनजारते है गम दुःख पुरना साथी है चेहरे पे क्यू लाना है कल भी घर चलना था आज भी घर चलना है बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे अस्क भी तो रहते है बन के बोझ आँखों पर रोज़ टूटे सपनो को फिर से बुनना होता है दिल से आगे जा के पेट चुनना होता है हाथ रख के जेबों पर अस्क भर के आँखों पे बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे By पार्थ ©Puspesh Labh

bad phir bhichrne

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