कि..... मेरी बेलगाम उम्मीदों की तितलियां बेहिसाब ख | हिंदी Poetry Vide

"कि..... मेरी बेलगाम उम्मीदों की तितलियां बेहिसाब ख्वाहिशों की तितलियां रात के पहर में पसरे सन्नाटे और अंधेरे में जब दीवारों पर ऊंघती हुई दम तोड़ रही हों उस वक्त रंग बिखेरती इतराती मंडराती ये प्यारी तितली मेरे कानों में धीरे से कह रही हो कि.. बेजान सुखा दरख़्त नहीं है तू जितनी दिखती है उतनी सख़्त नहीं है तू की, तुझमें और तेरे किरदार की खुशबू में तरबतर भीगने आई हूं रात बहुत हो चुकी है.... आज तुम संग ठहरने आई हूं ❤️ ©Anju Chandramal "

कि..... मेरी बेलगाम उम्मीदों की तितलियां बेहिसाब ख्वाहिशों की तितलियां रात के पहर में पसरे सन्नाटे और अंधेरे में जब दीवारों पर ऊंघती हुई दम तोड़ रही हों उस वक्त रंग बिखेरती इतराती मंडराती ये प्यारी तितली मेरे कानों में धीरे से कह रही हो कि.. बेजान सुखा दरख़्त नहीं है तू जितनी दिखती है उतनी सख़्त नहीं है तू की, तुझमें और तेरे किरदार की खुशबू में तरबतर भीगने आई हूं रात बहुत हो चुकी है.... आज तुम संग ठहरने आई हूं ❤️ ©Anju Chandramal

#Butterfly

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