गर्दिशे तमाम है जींदगी मे बेबात जिरह क्या किया जाए
ये तो राज है उम्रभर का जिसे हराकर मुस्कुरा दिया जाए
खौफ मे कभी समन्दर नहीं होता, तुफानो से लड़कर खफा
ये तो शान है अरमानो का उम्मीद कभी बेवफा नहीं होता
जिद्द की सरहद पर वेसबब तकदीर का क्या किया जाए
ये तो राज है उम्रभर का जिसे हराकर मुस्कुरा दिया जाए
दिल की अरमानों से धड़कनों का हिसाब नहीं होता ज़फा
सपनों मे खैरियत पुछे क्यों जब सच मे जबाब नहीं होता
अरमानों के दामन से सपनों का हिसाब क्या लिया जाए
ये तो राज है उम्रभर का जिसे हराकर मुस्कुरा दिया जाए
©ओम प्रकाश यदुवंशी
#BadhtiZindagi