White तुम मुझे मौत की ही सज़ा दे देती,
क्यों धीरे - धीरे जान लिये जा रही हो।
पल में फासले कर देती हो दरमियां,
ऐसे न जाने कितने दर्द दिये जा रही हो।
मरने के बाद भी न भरेंगे ये ज़ख्म शायद,
जिन्हें तुम इतनी बेदर्दी से सिये जा रही हो।
अधूरी मौत मुकम्मल फ़ना होने से अज़ीयत
नाक होती है,
क्यों ज़िन्दगी को ऐसी मौत दिये जा रही हो।
करना है तो सितम इस तरह करो के फ़ना हो जाऊँ मैं,
न मौत है न ज़िन्दगी क्यों ऐसे सितम किये जा रही हो।
©Aarzoo smriti
#Kyon aise Jaan liye ja rahi ho