पत्रकार भी राजनीत के नशे में डूबे हैं ! गोदी हो या | हिंदी कविता

"पत्रकार भी राजनीत के नशे में डूबे हैं ! गोदी हो या सोशल सब एक सरीखे हैं !! नेताओं के इर्द गिर्द के सिवा इनकी चर्चाएं ही न चलती ! जनहित के आंकड़े पेश करने की कशिश ही न दिखती !! जाति पाती धर्म संप्रदाय के नाम चुनावी आंकलन करते ! किसने किया जनहित में काम इसकी बात ही नहीं करते !! पशुपति इस अस्तबल में है या उसमें, इस पे करते आंकलन ! पशुपति ने जन के लिए क्या किया चर्चा में ही नहीं ये सब !! वरुण किसका टिकट लेगा, कौन उसे देगा या लड़ेगा स्वतंत्र ! इसमें कोई खबर नहीं, इतनी भी इन पत्रकारों में नहीं समझ !! जिस दिन तक वरुण का निर्णय सामने न आये ! जनहिति पत्रकार उससे पहले चर्चा क्यों चलाए ?? प्रकाश जी जब तक स्पष्ट न करे भूमिका ! आखिर क्यूं मीडिया में चले इसकी चर्चा ?? लगता है पत्रकारों की अक्ल का दीवाला ही निकला है ! किसी ने गत दशकों का तुलनात्मक आंकलन न किया है !! ईवीएम का पुरजोर जन विरोध है ! राजनैतिक दलों को इसके विरोध में संकोच है !! लगता है सभी मिल बैठ के ईवीएम सेट कर रहे हैं ! इसीलिए जनता के मुद्दे चर्चाओ में उठ ही न रहे हैं !! जनता 75 साल में भी समृद्ध नहीं हो पाई है ! राजनेताओं के इर्द गिर्द ही सारी समृद्धि छाई है !! है राम... - आवेश हिन्दुस्तानी 21.03.2024 ©Ashok Mangal"

 पत्रकार भी राजनीत के नशे में डूबे हैं !
गोदी हो या सोशल सब एक सरीखे हैं !!

नेताओं के इर्द गिर्द के सिवा इनकी चर्चाएं ही न चलती !
जनहित के आंकड़े पेश करने की कशिश ही न दिखती !!

जाति पाती धर्म संप्रदाय के नाम चुनावी आंकलन करते !
किसने किया जनहित में काम इसकी बात ही नहीं करते !!

पशुपति इस अस्तबल में है या उसमें, इस पे करते आंकलन !
पशुपति ने जन के लिए क्या किया चर्चा में ही नहीं ये सब !!

वरुण किसका टिकट लेगा, कौन उसे देगा या लड़ेगा स्वतंत्र !
इसमें कोई खबर नहीं, इतनी भी इन पत्रकारों में नहीं समझ !!

जिस दिन तक वरुण का निर्णय सामने न आये !
जनहिति पत्रकार उससे पहले चर्चा क्यों चलाए ??

प्रकाश जी जब तक स्पष्ट न करे भूमिका !
आखिर क्यूं मीडिया में चले इसकी चर्चा ??

लगता है पत्रकारों की अक्ल का दीवाला ही निकला है !
किसी ने गत दशकों का तुलनात्मक आंकलन न किया है !!

ईवीएम का पुरजोर जन विरोध है !
राजनैतिक दलों को इसके विरोध में संकोच है !!

लगता है सभी मिल बैठ के ईवीएम सेट कर रहे हैं !
इसीलिए जनता के मुद्दे चर्चाओ में उठ ही न रहे हैं !!

जनता 75 साल में भी समृद्ध नहीं हो पाई है !
राजनेताओं के इर्द गिर्द ही सारी समृद्धि छाई है !!

है राम...

- आवेश हिन्दुस्तानी 21.03.2024

©Ashok Mangal

पत्रकार भी राजनीत के नशे में डूबे हैं ! गोदी हो या सोशल सब एक सरीखे हैं !! नेताओं के इर्द गिर्द के सिवा इनकी चर्चाएं ही न चलती ! जनहित के आंकड़े पेश करने की कशिश ही न दिखती !! जाति पाती धर्म संप्रदाय के नाम चुनावी आंकलन करते ! किसने किया जनहित में काम इसकी बात ही नहीं करते !! पशुपति इस अस्तबल में है या उसमें, इस पे करते आंकलन ! पशुपति ने जन के लिए क्या किया चर्चा में ही नहीं ये सब !! वरुण किसका टिकट लेगा, कौन उसे देगा या लड़ेगा स्वतंत्र ! इसमें कोई खबर नहीं, इतनी भी इन पत्रकारों में नहीं समझ !! जिस दिन तक वरुण का निर्णय सामने न आये ! जनहिति पत्रकार उससे पहले चर्चा क्यों चलाए ?? प्रकाश जी जब तक स्पष्ट न करे भूमिका ! आखिर क्यूं मीडिया में चले इसकी चर्चा ?? लगता है पत्रकारों की अक्ल का दीवाला ही निकला है ! किसी ने गत दशकों का तुलनात्मक आंकलन न किया है !! ईवीएम का पुरजोर जन विरोध है ! राजनैतिक दलों को इसके विरोध में संकोच है !! लगता है सभी मिल बैठ के ईवीएम सेट कर रहे हैं ! इसीलिए जनता के मुद्दे चर्चाओ में उठ ही न रहे हैं !! जनता 75 साल में भी समृद्ध नहीं हो पाई है ! राजनेताओं के इर्द गिर्द ही सारी समृद्धि छाई है !! है राम... - आवेश हिन्दुस्तानी 21.03.2024 ©Ashok Mangal

#AaveshVaani
#JanMannKiBaat
#Politics
#Media

People who shared love close

More like this

Trending Topic