White ग़ज़ल :-
पूछिये मत कहाँ नही होता ।
दर्द दिल का बयाँ नही होता ।।
था ठिकाना नही कोई अपना ।
सर पे गर आसमाँ नही होता ।।
सच की तुम अब नही मिसालें दो ।
सच कभी बेजुबाँ नही होता ।।
कौन देगा गवाहियाँ तेरी ।
संग जब हमनवाँ नही होता ।।
थामता कौन हाथ फिर जग में ।
हाथ सिर पे जो माँ नही होता ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :-
पूछिये मत कहाँ नही होता ।
दर्द दिल का बयाँ नही होता ।।
था ठिकाना नही कोई अपना ।
सर पे गर आसमाँ नही होता ।।