White ग़ज़ल :- पूछिये मत कहाँ नही होता । दर्द दिल क | हिंदी शायरी

"White ग़ज़ल :- पूछिये मत कहाँ नही होता । दर्द दिल का बयाँ नही होता ।। था ठिकाना नही कोई अपना । सर पे गर आसमाँ नही होता ।। सच की तुम अब नही मिसालें दो । सच कभी बेजुबाँ नही होता ।। कौन देगा गवाहियाँ तेरी । संग जब हमनवाँ नही होता ।। थामता कौन हाथ फिर जग में । हाथ सिर पे जो माँ नही होता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 White ग़ज़ल :-

पूछिये मत कहाँ नही होता ।
दर्द दिल का बयाँ नही होता ।।

था ठिकाना नही कोई अपना ।
सर पे गर आसमाँ नही होता ।।

सच की तुम अब नही मिसालें दो ।
सच कभी बेजुबाँ नही होता ।।

कौन देगा गवाहियाँ तेरी ।
संग जब हमनवाँ नही होता ।।

थामता कौन हाथ फिर जग में ।
हाथ सिर पे जो माँ नही होता ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

White ग़ज़ल :- पूछिये मत कहाँ नही होता । दर्द दिल का बयाँ नही होता ।। था ठिकाना नही कोई अपना । सर पे गर आसमाँ नही होता ।। सच की तुम अब नही मिसालें दो । सच कभी बेजुबाँ नही होता ।। कौन देगा गवाहियाँ तेरी । संग जब हमनवाँ नही होता ।। थामता कौन हाथ फिर जग में । हाथ सिर पे जो माँ नही होता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :-

पूछिये मत कहाँ नही होता ।
दर्द दिल का बयाँ नही होता ।।

था ठिकाना नही कोई अपना ।
सर पे गर आसमाँ नही होता ।।

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