Black ए! रोशनी के अन्नन्त सागर
ए! पुरे ब्रह्मान्द के रखवाले
हे! कृष्णा, हे !भोलेनाथ,हे !ब्रह्मा
आप तीन नही एक ही हो...
अपने कर्म पथ को विभाजित करने के उद्देश्य से
लोगों को राह दिखाने के उद्देश्य से
अनंत धर्मो को एक साथ लाने के उद्देश्य से
अलग अलग कार्य करने के उद्देश्य से
आपको एक रूप को अनेको मे विभाजित होना पड़ा..!
कर्म फल दाता आप,निर्वाहन कर्ता आप,विनाशक आप
वरदाता आप हि तो हो..!
आपको कोटी कोटी प्रनाम..!!
©HARSH369
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