एक शब्द हैं जो बोला नही जाता मुझसे,
एक शब्द हैं जो बङी अल्प समय में छिन गया मुझसे,
एक शब्द हैं जो प्यारा था मुझे ज्यादा खुद से,
एक शब्द हैं जो सलामत चाहा था मैने भगवान तुझसे,
खुद से बोला नही जाता वो शब्द मुझसे,
सुन लू अगर कहीं वो शब्द किसी से,
मुस्कुरा जाता हूँ आँखों में दबे आँशु से सिसक आती हैं दिल के हर कोने से,
दादाजी आपके जाने के बाद कुछ ऐसा नाता हैं मेरा दादाजी शब्द से,
अहसास, हिम्मत, बजूद, ख्वाब जुड़े थे जिस शब्द से,
वो शब्द अब लिख पाता हूँ बहुत हिम्मत से,
हिम्मत मिलती थी जिस शब्द से,
आपके जाने के बाद कमजोर पड़ जाता हूँ उस शब्द से,
दादाजी बोलू कैसे उस शब्द को,
दादाजी कहकर आपको ना जाने पुकारा नहीं कब से।
©Mr Rajput
love you dadu....