यहां आदमी ही लाल ओ जवाहर है बे-बहा। और आदमी ही खाक | हिंदी Shayari

"यहां आदमी ही लाल ओ जवाहर है बे-बहा। और आदमी ही खाक से बदतर है हो गया। काला भी आदमी है की उल्टा है जू तवा। गोरा भी आदमी है की टुकड़ा सा चांद का, बदशक्ल बदनुमा है सो है वह भी आदमी।। ©@aliwriters_"

 यहां आदमी ही लाल ओ जवाहर है बे-बहा।
और आदमी ही खाक से बदतर है हो गया।
काला भी आदमी है की उल्टा है जू तवा।
गोरा भी आदमी है की टुकड़ा सा चांद का,
बदशक्ल बदनुमा है सो है वह भी आदमी।।

©@aliwriters_

यहां आदमी ही लाल ओ जवाहर है बे-बहा। और आदमी ही खाक से बदतर है हो गया। काला भी आदमी है की उल्टा है जू तवा। गोरा भी आदमी है की टुकड़ा सा चांद का, बदशक्ल बदनुमा है सो है वह भी आदमी।। ©@aliwriters_

#Man

#beinghuman

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