आपकी बाहों मे खुद के पिघलने की चाह रखते हैं
खुद को आपको सोपने की चाह रखते हैं
जहा पर ज़हन की कोई दीवार न रहे उस पार साथ चलने की चाह रखते हैं
ज़िंदगी में क्या हैं और क्या होगा...ये तो नही जानते..
सिर्फ एक बार आपसे होश में अपने होश को घुमाने की चाह रखते हैं
इरादे तो नेक है हमारे......
सिर्फ आपकी इजाज़त की चाह रखते हैं....❤️
©Moksha Sharma
चाह....❤️