/ ये ज़िंदगी है दोस्तों // कुछ ख्वाहिशें तो हो जा | हिंदी Quotes

"/ ये ज़िंदगी है दोस्तों // कुछ ख्वाहिशें तो हो जाती हैं पूरी, कुछ दफ़न होकर ही रह जाती हैं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों हर मोड़ पर यहाँ सबको खुशियाँ नहीं मिलती हैं, कभी इम्तिहान तो कभी संघर्षों से गुज़रना पड़ता है ख्वाहिशों को, कभी वक़्त तो कभी खुद के ही सवालों में ये उलझकर रह जाती है, रेत की तरह फिसल जाते हैं ख़्वाब आँखों से बिना किसी फरमान के, कभी आसमां सी खुशियाँ तो कभी पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है, देखते ही रह जाते हैं बस लाचार होकर वक्त के आगे हम मजबूर, किसको कहाँ कब क्या मिलेगा ये तो केवल ज़िन्दगी ही तय करती है, भरोसा करके भी देखा मैंने धैर्य भी तो रखा, बहुत किया इंतजार भी, ज़ख्म तो देती है ज़िन्दगी जब उम्मीद किसी से ज़्यादा रखी जाती है, ज़िंदगी ने आगाह किया हर बार, फिर भी गलतियाँ दोहराई बार-बार, इंसानी फितरत ऐसी ज़ख्म देने वालों से ही मरहम की आस रहती है, सबक तो बहुत यहाँ सीख लिए, ज़िन्दगी ने इतने जो इम्तिहान लिए, स्वयं से बढ़कर स्वयं का कोई साथी नहीं ज़िन्दगी ही हमें सिखाती है, आँखों में पल रहे हर ख़्वाब को, हकीकत की ज़मीं मिले ज़रूरी नहीं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों पल-पल में रंग, पल-पल में ये मिज़ाज बदलती है। ✍️✍️Rahul pareek ©Rahul Pareek"

 / ये ज़िंदगी है दोस्तों //

कुछ ख्वाहिशें तो हो जाती हैं पूरी, कुछ दफ़न होकर ही रह जाती हैं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों हर मोड़ पर यहाँ सबको खुशियाँ नहीं मिलती हैं, कभी इम्तिहान तो कभी संघर्षों से गुज़रना पड़ता है ख्वाहिशों को, कभी वक़्त तो कभी खुद के ही सवालों में ये उलझकर रह जाती है,

रेत की तरह फिसल जाते हैं ख़्वाब आँखों से बिना किसी फरमान के, कभी आसमां सी खुशियाँ तो कभी पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है, देखते ही रह जाते हैं बस लाचार होकर वक्त के आगे हम मजबूर, किसको कहाँ कब क्या मिलेगा ये तो केवल ज़िन्दगी ही तय करती है,

भरोसा करके भी देखा मैंने धैर्य भी तो रखा, बहुत किया इंतजार भी, ज़ख्म तो देती है ज़िन्दगी जब उम्मीद किसी से ज़्यादा रखी जाती है, ज़िंदगी ने आगाह किया हर बार, फिर भी गलतियाँ दोहराई बार-बार, इंसानी फितरत ऐसी ज़ख्म देने वालों से ही मरहम की आस रहती है,

सबक तो बहुत यहाँ सीख लिए, ज़िन्दगी ने इतने जो इम्तिहान लिए, स्वयं से बढ़कर स्वयं का कोई साथी नहीं ज़िन्दगी ही हमें सिखाती है, आँखों में पल रहे हर ख़्वाब को, हकीकत की ज़मीं मिले ज़रूरी नहीं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों पल-पल में रंग, पल-पल में ये मिज़ाज बदलती है।
                                                         ✍️✍️Rahul pareek

©Rahul Pareek

/ ये ज़िंदगी है दोस्तों // कुछ ख्वाहिशें तो हो जाती हैं पूरी, कुछ दफ़न होकर ही रह जाती हैं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों हर मोड़ पर यहाँ सबको खुशियाँ नहीं मिलती हैं, कभी इम्तिहान तो कभी संघर्षों से गुज़रना पड़ता है ख्वाहिशों को, कभी वक़्त तो कभी खुद के ही सवालों में ये उलझकर रह जाती है, रेत की तरह फिसल जाते हैं ख़्वाब आँखों से बिना किसी फरमान के, कभी आसमां सी खुशियाँ तो कभी पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है, देखते ही रह जाते हैं बस लाचार होकर वक्त के आगे हम मजबूर, किसको कहाँ कब क्या मिलेगा ये तो केवल ज़िन्दगी ही तय करती है, भरोसा करके भी देखा मैंने धैर्य भी तो रखा, बहुत किया इंतजार भी, ज़ख्म तो देती है ज़िन्दगी जब उम्मीद किसी से ज़्यादा रखी जाती है, ज़िंदगी ने आगाह किया हर बार, फिर भी गलतियाँ दोहराई बार-बार, इंसानी फितरत ऐसी ज़ख्म देने वालों से ही मरहम की आस रहती है, सबक तो बहुत यहाँ सीख लिए, ज़िन्दगी ने इतने जो इम्तिहान लिए, स्वयं से बढ़कर स्वयं का कोई साथी नहीं ज़िन्दगी ही हमें सिखाती है, आँखों में पल रहे हर ख़्वाब को, हकीकत की ज़मीं मिले ज़रूरी नहीं, ये ज़िन्दगी है दोस्तों पल-पल में रंग, पल-पल में ये मिज़ाज बदलती है। ✍️✍️Rahul pareek ©Rahul Pareek

#WoNazar

People who shared love close

More like this

Trending Topic