कबीर परमात्मा से हारने के बाद गोरखनाथ बोला, हे भगवान! आप कौन शक्ति हो? कहां से आए हो ? मेरे सामने टिकने वाला आज पृथ्वी पर कोई नहीं।
परमात्मा ने कहा
अवधू अविगत से चला आया। रे मेरा भेद मरम ना पाया।।
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी शहर जल कमलपर डेरा, तहां जुलाहे ने पाया।।