"इंसान का अस्तित्व खत्म हो गया है,
मानव जब मानव का ही नहीं तो इन बेज़ुबानो का कैसे हो सकता है
फिर भी ये बेज़ुबान वफ़ा निभाते है भरोसा करते है
पर मिलता क्या है?
एक दर्दनीय मौत !
निराशाजनक, निंदनीय 😟 @भारद्वाज _Shubhi"
इंसान का अस्तित्व खत्म हो गया है,
मानव जब मानव का ही नहीं तो इन बेज़ुबानो का कैसे हो सकता है
फिर भी ये बेज़ुबान वफ़ा निभाते है भरोसा करते है
पर मिलता क्या है?
एक दर्दनीय मौत !
निराशाजनक, निंदनीय 😟 @भारद्वाज _Shubhi