इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से य | हिंदी कविता

"इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है खुश होकर भी मुस्कुराहट नहीं, दर्द ही अब लगता फरिश्ता हैं, आखों में ख़ामोशी झलकती है, लफ़्ज़ों सा पानी आखों से रिसता है, किसी का हाथ थामे हुए भी तन्हा हूँ मैं, ये कैसे जज़्बात ये कैसा रिश्ता है ।"

 इंतज़ार आज तक न जाने किसका है  दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है खुश होकर भी मुस्कुराहट नहीं, 
दर्द ही अब लगता फरिश्ता हैं,

आखों में ख़ामोशी झलकती है, 
लफ़्ज़ों सा पानी आखों से रिसता है, 

किसी का हाथ थामे हुए भी तन्हा हूँ मैं, 
ये कैसे जज़्बात ये कैसा रिश्ता है ।

इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है खुश होकर भी मुस्कुराहट नहीं, दर्द ही अब लगता फरिश्ता हैं, आखों में ख़ामोशी झलकती है, लफ़्ज़ों सा पानी आखों से रिसता है, किसी का हाथ थामे हुए भी तन्हा हूँ मैं, ये कैसे जज़्बात ये कैसा रिश्ता है ।

#nojoto #nojotohindi #Emotions #likhoindia #thought #quoteoftheday #flowoffeelings #nojotoapp #lovequotes #hindilines #ishq #pyar #mohabbat #Dard #Loneliness #alone #introvert

People who shared love close

More like this

Trending Topic