उसके नाम की महफ़िल सजाई है मैंने, तो बेशक आज उसका ज़ | हिंदी Shayari

"उसके नाम की महफ़िल सजाई है मैंने, तो बेशक आज उसका ज़िक्र ज़रूर होगा........ गर मैं गुनहगार हूं उसकी नज़रों में तो, उससे दूर होने में सारा मेरा ही कसूर होगा....... ©Poet Maddy"

 उसके नाम की महफ़िल सजाई है मैंने,
तो बेशक आज उसका ज़िक्र ज़रूर होगा........
गर मैं गुनहगार हूं उसकी नज़रों में तो,
उससे दूर होने में सारा मेरा ही कसूर होगा.......

©Poet Maddy

उसके नाम की महफ़िल सजाई है मैंने, तो बेशक आज उसका ज़िक्र ज़रूर होगा........ गर मैं गुनहगार हूं उसकी नज़रों में तो, उससे दूर होने में सारा मेरा ही कसूर होगा....... ©Poet Maddy

उसके नाम की महफ़िल सजाई है मैंने,
तो बेशक आज उसका ज़िक्र ज़रूर होगा........
#Organize#GATHERING#Name#Mention#culprit#Eyes#fault..........

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