दिल की क़िताब में,
तेरी ही आयतें हैं...!!
कुछ खट्टी सी,
कुछ मिट्ठी सी....!!
कुछ धुंधली सी,
कुछ साफ़ सी....!!
इश्क अधूरा सा,
शिकायतें पूरी सी...!!
जब तू पास नहीं था,
तब भी मुझ में था....!!
अब तू पास है,
पर मेरे साथ नहीं....!!
मेरी ख्वाईशें बारिश की,
उस बूंद की तरह हैं...!!
हथेली तो भिग जाती हैं,
हाथ खाली ही रह जाता है ....!!
भीड़ कहने को होती है,
दिल तन्हा रह जाता है....!!
दिल की क़िताब में,
तेरी ही आयतें हैं....!!
*निशा सिंह*
©Nisha Singh
#तेरी आयतें #