बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, म | हिंदी Poetry

"बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था, हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था, मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था, तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था, फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था, ©SamEeR “Sam" KhAn"

 बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, 
महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था,

हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, 
महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था,

मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, 
एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था,

तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, 
मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था,

फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, 
मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था,

©SamEeR “Sam" KhAn

बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था, हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था, मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था, तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था, फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था, ©SamEeR “Sam" KhAn

#बारिश

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