White सफ़र के साथी नहीं,
गुफ्तगू में तेरा जिक्र सही,
तुम नहीं,
तो तुम्हारी बातें ही सही।
महफिलों के साथी नहीं,
तन्हाई के हम-नफ़स सही,
आज नहीं,
कल के अमिट साथी सही,
सबका साथ भी गर मिले नहीं,
हम साथ तो सब सही,
जिद्दी नहीं,
पर तेरे लिए जिद की हदों को तोड़ने वाले सही।
©Ruchi Jha
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