ऑंखों में कैद,एक मंजर देखा है..
मैं प्यासा रहा,मगर संमदर देखा है।
मुझे ना दिखाना खेल दुनिया के...
मेनें हरियाली में भी,पेड़ों को बजंर देखा है।
बड़े अजीब है,यहां रिश्ते निभाने के
तौर-तरीके...
एक हाथ में प्यार,तो दूजे हाथ में खंजर देखा है।
मुझे ना दुआ देना,इन बारिशों में...
फिर से जवां हो जाने की।
मेनें बारिशों के बाद भी ज़मी को बजंर देखा है..
©Rahul Ratnakar
मेरी प्रियतमा के लिए।