बढ़ती उम्र के साथ हम बड़े होने के बजाय छोटे होते | हिंदी शायरी

"बढ़ती उम्र के साथ हम बड़े होने के बजाय छोटे होते जा रहे हैं पहले बहुत फिक्र करते थे अब बेफिक्रे होते जा रहे हैं पहले मंजिल की तलाश में रहते थे अब सफर में खोते चले जा रहे हैं पहले उल्झी हुई हकीकतो से वास्ता रखते थे अब सुलझे हुए ख्वाबों के संग उड़ते चले जा रहे हैं हाँ! थोड़े बदल गए हैं हम और थोड़े बदलते जा रहे हैं ©Vijjuu"

 बढ़ती उम्र के साथ 
हम बड़े होने के बजाय 
छोटे होते जा रहे हैं 
पहले बहुत फिक्र करते थे 
अब बेफिक्रे होते जा रहे हैं 
पहले मंजिल की तलाश में रहते थे 
अब सफर में खोते चले जा रहे हैं 
पहले उल्झी हुई हकीकतो से 
वास्ता रखते थे 
अब सुलझे हुए ख्वाबों के संग 
उड़ते चले जा रहे हैं
हाँ! थोड़े बदल गए हैं हम
और थोड़े बदलते जा रहे हैं

©Vijjuu

बढ़ती उम्र के साथ हम बड़े होने के बजाय छोटे होते जा रहे हैं पहले बहुत फिक्र करते थे अब बेफिक्रे होते जा रहे हैं पहले मंजिल की तलाश में रहते थे अब सफर में खोते चले जा रहे हैं पहले उल्झी हुई हकीकतो से वास्ता रखते थे अब सुलझे हुए ख्वाबों के संग उड़ते चले जा रहे हैं हाँ! थोड़े बदल गए हैं हम और थोड़े बदलते जा रहे हैं ©Vijjuu

#Zindagi 🦋
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