अब मै अपनी सीमा रेखा के
पार चला जाना चाहता हूँ
क्योंकि कई दिनों से मै महसूस कर रहा हूँ
कि मेरी प्यास का आयतन
निरंतर बढ़ता जा रहा हैँ
इसलिए मै गुनगुनानाे क़ी जगह चिल्लाना पसंद. करने लगा हूँ
ताकि ये सिद्ध हो सके कि मै
अभी टूटा नहीं हूँ औऱ अपने अनुभवों
क़ी गहराई को भी नाप चुका हूँ
©Arora PR
सीमा रेखा