बात ज़ख्मों की चली, कितनो का जिक्र आया, तलवारों,अद | हिंदी Shayari

"बात ज़ख्मों की चली, कितनो का जिक्र आया, तलवारों,अदाओं से लेकर, आंखों तक का नाम आया, तब एक शायर ने कुछ यूं सुनाया बेशक तलवारों ने जिस्म को, आंखों,अदाओं ने दिल को ज़ख्म पहुंचाया, पर लफ़्ज़ों की मार से,कौन ज़िंदा बच पाया। ©Nritya Gopal"

 बात ज़ख्मों की चली,
कितनो का जिक्र आया,
तलवारों,अदाओं से लेकर,
आंखों तक का नाम आया,
तब एक शायर ने कुछ यूं सुनाया
बेशक तलवारों ने जिस्म को,
आंखों,अदाओं ने दिल को ज़ख्म पहुंचाया,
पर लफ़्ज़ों की मार से,कौन ज़िंदा बच पाया।

©Nritya Gopal

बात ज़ख्मों की चली, कितनो का जिक्र आया, तलवारों,अदाओं से लेकर, आंखों तक का नाम आया, तब एक शायर ने कुछ यूं सुनाया बेशक तलवारों ने जिस्म को, आंखों,अदाओं ने दिल को ज़ख्म पहुंचाया, पर लफ़्ज़ों की मार से,कौन ज़िंदा बच पाया। ©Nritya Gopal

Words hurts the most,use them wisely.

#Anhoni

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