मिट्टी को पौधे मांग रहे
पौधों को मिट्टी दे दो ना
मिट्टी को मैं भी मांग रहा
मुझकों यह मिट्टी दे दो ना,
बूंदों को धरती मांग रही
धरती को बुंदे दे दो ना
बूंदों को मैं भी मांग रहा
मुझकों यह बूंदे दे दो ना,
कस्ती ये लहरें मांग रही
कस्ती को लहरें दे दो ना
लहरों को मैं भी मांग रहा
मुझकों भी लहरें दे दो ना,
किरणों को दिन ये मांग रहे
दिन को यह किरणे दे दो ना
किरणों को मैं भी मांग रहा
मुझकों भी किरणें दे दो ना,
रातें ये अंधेरे मांग रहें
रातों को अंधेरे दे दो ना
अंधेरों को मैं भी मांग रहा
मुझकों भी अंधेरे दे दो ना,
रातों को दिन ये मांग रहे
दिन को ये रातें दे दो ना
रातों को मैं भी मांग रहा
मुझकों भी रातें दे दो ना,
चंदा को सूरज मांग रहा
सूरज को चंदा दे दो ना
चंदा को मैं भी मांग रहा
मुझकों भी चंदा दे दो ना,
अंबर को धरती मांग रही
धरती को अंबर दे दो ना
अंबर को मैं भी मांग रहा
मुझकों यह अंबर दे दो ना,
पन्नों को किताबें मांग रही
किताबों को पन्ने दे दो ना
पन्नों को मैं भी मांग रहा
मुझकों यह पन्ने दे दो ना,
मिट्टी को पौधें मांग रहे
पौधों को मिट्टी दे दो ना
मैं भी यह मिट्टी मांग रहा
मुझकों भी मिट्टी दे दो ना,
मुझकों भी मिट्टी दे दो ना।
©Manpreet Gurjar
#pryavaran