वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है
हमारा बनाया चमन चाहता है
गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो
लैला से मजनू मिलन चाहता है
होठों पे मुस्कान दिल में है खंजर
मोहब्बत का दुश्मन दफ़न चाहता है
शब ए फुरकत में मिलो तो बताऊं
कितना ये तुझको सजन चाहता है
इरफ़ा को तुझसे मोहब्बत है भारत
रहना वो अपने वतन चाहता है
©Irfan Saeed
वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है
हमारा बनाया चमन चाहता है
गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो
लैला से मजनू मिलन चाहता है