तेरी हर एक उदाशी चेहरा,दिल को भा जाती है।
तेरी हस्ती नूरानी चेहरा पे किस कम्बक्त की नजर लगी।
जो अपने आप को भी भूल जाती है।
तेरी तन्हाई भी क्या चीज है,
कभी अपनो तो कभी गैरो को तन्हा बना जाती है।
आप तो एक चह चाहने बाली चिड़ियां हो,
तो फिर कैसे आप बिखर जाती है।
©Rajeev Ranjan
#my friends love alone
#NatureLove