Village Life औरत इश्क में अल्हड़ की तरह होती है,वो
सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१
नही पसंद उसे किसी रिश्ते में मिलावट उसको,वो
अपनी मुफलिसी में खुशहालो की तरह होती है//२
तब तक नही होती मुत्तासिर जब तक उसे अपनापन ना मिले,वोऐसे मे अबुझे सवालो की तरह होती है//३
फिजूल फितने फसाद नहीं उसकी आदत में शुमार
,वो अपनी पेआए तो*कमोबेशजवालों की तरह होती है/४
हां"शमा"औरत इश्क में अल्हड़ ही होती है नही समेट
पाती खुदको,वो गोया फिर बदहालों की तरह होती है//५
#shamawritesBebaak
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#villagelife औरत इश्क में*अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१
दुनियादारी न जानने वाला / वाली*वन*हिरण
नही पसंद अपने रिश्ते में मिलावट उसको,वो अपनी मुफलिसी में खुशहालो की तरह होती है//२
तब तक नही होती मुत्तासिर जब तक उसे अपनापन ना मिले,वो ऐसे मे अबुझे सवालो की तरह होती है//३
फिजूल फितने फसाद नहीं उसकी आदत में शुमार,वो अपनी पे आए तो*कमोबेश