मेरे शिक्षक #Happy_Teachers'_Day_@_Respected_Teach | हिंदी कविता

"मेरे शिक्षक #Happy_Teachers'_Day_@_Respected_Teachers: "सूरज को ढ़ंक लेती है वह,काली बदली जब छाती है| कभी ग्रहण बनकर चंदा को, राहु दृष्टि ग्रस जाती है| हर दुविधा और संकट से, मुक्ति दिलाने का मार्ग, बाधाओं को साहस के बल ,धूल चटाने का मार्ग, मानव को मानव कहलाने , योग्य बनाने का मार्ग, अक्षम को सक्षम निर्बल को सबल, बनाने का मार्ग, केवल शिक्षा दिखलाती है| अदने से बालक को शिक्षा, चंद्रगुप्त मौर्य बनाती है| अदने से.................... शिक्षक है तो शिक्षा है| काम इसी का सच्चा है| शिक्षक है इतिहास सुनहरा,वर्तमान भविष्य निर्माता है| देकर अक्षर ग्यान सभी को, पथ नया सदा दिखलाता है| सब रत्न अधूरे रह जायें, धन संपति सब बेकार हुआ| शिक्षक के आशीषों से ही, समृद्ध देश बन जाता है| स्वर्णाक्षर में अंकित होवें ,शिक्षक का होवें मान सदा| भारत को अखण्ड बनाने शिक्षक, बन जाते हैं चाणक्य यहां| ©®यतेन्द्र सिंह सिकरवार मो.7747005382 (आदरणीय गुरुजनों व मेरे समस्त शिक्षकों के सम्मान में अवश्य शेयर करें)"

 मेरे शिक्षक #Happy_Teachers'_Day_@_Respected_Teachers:
"सूरज को ढ़ंक लेती है वह,काली बदली जब छाती है|
कभी ग्रहण बनकर चंदा को, राहु दृष्टि ग्रस जाती है|

हर दुविधा और संकट से, मुक्ति दिलाने का मार्ग,
बाधाओं को साहस के बल ,धूल चटाने का मार्ग,
मानव को मानव कहलाने , योग्य बनाने का मार्ग,
अक्षम को सक्षम निर्बल को सबल, बनाने का मार्ग,
केवल शिक्षा दिखलाती है|

अदने से बालक को शिक्षा, चंद्रगुप्त मौर्य बनाती है|
अदने से....................

शिक्षक है तो शिक्षा है|
काम इसी का सच्चा है|

शिक्षक है इतिहास सुनहरा,वर्तमान भविष्य  निर्माता है|
देकर अक्षर ग्यान सभी को,
पथ नया सदा दिखलाता है|

सब रत्न अधूरे रह जायें, धन संपति सब बेकार हुआ|
शिक्षक के आशीषों से ही, 
समृद्ध देश बन जाता है|

स्वर्णाक्षर में अंकित होवें ,शिक्षक का होवें मान सदा|
भारत को अखण्ड बनाने शिक्षक, बन जाते हैं चाणक्य यहां|
     ©®यतेन्द्र सिंह सिकरवार
               मो.7747005382
(आदरणीय गुरुजनों व मेरे समस्त शिक्षकों के सम्मान में अवश्य शेयर करें)

मेरे शिक्षक #Happy_Teachers'_Day_@_Respected_Teachers: "सूरज को ढ़ंक लेती है वह,काली बदली जब छाती है| कभी ग्रहण बनकर चंदा को, राहु दृष्टि ग्रस जाती है| हर दुविधा और संकट से, मुक्ति दिलाने का मार्ग, बाधाओं को साहस के बल ,धूल चटाने का मार्ग, मानव को मानव कहलाने , योग्य बनाने का मार्ग, अक्षम को सक्षम निर्बल को सबल, बनाने का मार्ग, केवल शिक्षा दिखलाती है| अदने से बालक को शिक्षा, चंद्रगुप्त मौर्य बनाती है| अदने से.................... शिक्षक है तो शिक्षा है| काम इसी का सच्चा है| शिक्षक है इतिहास सुनहरा,वर्तमान भविष्य निर्माता है| देकर अक्षर ग्यान सभी को, पथ नया सदा दिखलाता है| सब रत्न अधूरे रह जायें, धन संपति सब बेकार हुआ| शिक्षक के आशीषों से ही, समृद्ध देश बन जाता है| स्वर्णाक्षर में अंकित होवें ,शिक्षक का होवें मान सदा| भारत को अखण्ड बनाने शिक्षक, बन जाते हैं चाणक्य यहां| ©®यतेन्द्र सिंह सिकरवार मो.7747005382 (आदरणीय गुरुजनों व मेरे समस्त शिक्षकों के सम्मान में अवश्य शेयर करें)

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